Shiv chaisa - An Overview

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

लिङ्गाष्टकम्

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को more info कहि जात न काऊ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके more info तन नहीं रहै कलेशा॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

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